हँसना किसी को हमारा गवारा नहीं होता, ज़िन्दगी का हर मुसाफिर सहारा नहीं होता, मिलते हैं लोग बहुत इस तन्हा ज़िन्दगी में, हर कोई पर तुमसा प्यारा नहीं होता
Shairiyon Ki Dukan
हँसना किसी को हमारा गवारा नहीं होता, ज़िन्दगी का हर मुसाफिर सहारा नहीं होता, मिलते हैं लोग बहुत इस तन्हा ज़िन्दगी में, हर कोई पर तुमसा प्यारा नहीं होता