नफरत थी बाहर से, दिल में पर वो बस्ता था, लड़का पागल सा एक, देख के मुझको हँसता था, ठुकराया क्यों मांग को उसकी, सोच के अब पछताती हूँ, बदले दिल के दिल माँगा था, कितना सौदा सस्ता था,
Shairiyon Ki Dukan
नफरत थी बाहर से, दिल में पर वो बस्ता था, लड़का पागल सा एक, देख के मुझको हँसता था, ठुकराया क्यों मांग को उसकी, सोच के अब पछताती हूँ, बदले दिल के दिल माँगा था, कितना सौदा सस्ता था,